सीमा पर हालात सामान्य नहीं,लद्दाख में चीन सेना से निपटने को भारत तैयार।
1 min read
लद्दाख में हो रही है चीन के खिलाफ तैयारियां :
सेना द्वारा तैनात किए गए एलएसी के पास टी-90 और टी-72 टैंक : -40 डिग्री टेंपरेचर में भी दुश्मनों पर निशाना साध सकता है:
लद्दाख में करीब 5 महीने से तनाव की स्थिति जारी थी, जिसमें सेना द्वारा सर्दी के लंबे मौसम के दौरान भी मोर्चा संभाल ली गई थी। सेना के द्वारा पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास टी-90 और टी-72 टैंक की तैनाती भी की गई है। इन टैंकों को 14500 फीट की ऊंचाई पर डेमचोक के क्षेत्र में तैनात किया गया है। इसे दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र के नाम से भी जाना जा सकता है।
माइनस 40 डिग्री टेंपरेचर पर भी किए जा सकते हैं ऑपरेट:
इन टैंकों की यह खासियत है कि माइनस 40 डिग्री टेंपरेचर पर भी इन्हें ऑपरेट किया जा सकता है। 14 कॉर्प्स के चीफ ऑफ स्टाफ के द्वारा न्यूज़ एजेंसी के माध्यम से कहा गया कि लद्दाख में सर्दियों का मौसम अक्सर खराब होता रहता है। अतः इस दौरान भी वे पूरी तरह से तैयार है। हाई कैलोरी और अच्छे न्यूट्रीशन वाले राशन की उपलब्धि भी दी गई है। इसके अलावा सर्दियों के कपड़े, गर्मी पहुंचाने के विभिन्न टेक्नोलॉजी युक्त उपकरण, फ्यूल और ऑयल भी उपलब्ध कराए गए हैं।
आर्मर्ड रेजीमेंट को किसी भी मौसम अथवा क्षेत्र में युद्ध करने का पूर्ण अनुभव:
टैंक पर तैनात हुए 1 जवान द्वारा यह बताया गया है कि मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री सेना के एक एडवांस हिस्से के रूप में जाना जाता है। अतः भारत के इस रेजिमेंट के पास कम समय में एलएसी के पास पहुंचने की पूरी क्षमता है और वह ऐसा पहले भी करके दिखा चुकी है। बता दें कि 29-30 अगस्त को चीन द्वारा अपने टैंक तैयार किए गए थे और भारत के कुछ ऐसे पोस्ट थे, जहां उन्होंने कब्जा करने की पूरी कोशिश भी की। परंतु ऐसी स्थिति में भारतीय जवानों ने चीन के घुसपैठ को नाकाम कर दिया। इसके साथ ही साथ उन्होंने पैंगांग के दक्षिणी किनारे पर भी हमला बोलकर कब्जा कर लिया है।
रिपोर्टर- प्रिया बर्णवाल